नमस्कार दोस्तों आप का स्वागत है | www.Examskey.in पर . आज हम ले कर आये बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र (CDP) के अभिवृद्धि (Growth) ,विकास (Development),विकास के आयाम (Domain of development) , परिपक्वता (Maturation) का अर्थ एवं अंतर और परिभाषा ……
अभिवृद्धि (Growth)
• जब हमारे शरीर की संरचना या आकार बढ़ना शुरू होता है उसे वृद्धि कहते है ।
• वृद्धि का स्वरुप बाह्य होता है।
• वृद्धि कुछ समय के बाद रुक जाती है।
उदहारण – चौड़ाई, लम्बाई
• वृद्धि क्रम के अनुसार नहीं चलती ।
उदहारण :- कभी हमारी लम्बाई बढ़ती है तो कभी हमारा भार बढ़ता है।
• वृद्धि का हम मापन कर सकते है उदाहरण :- हम भार, लम्बाई को नाप सकते है।
• वृद्धि केवल परिमाणात्मक होती है ।
• वृद्धि होने से विकास हो भी सकता है और नहीं भी । उदहारण:- जब कोई आदमी मोटा होता जा रहा है तो उसकी वृद्धि हो रही है परन्तु ये जरुरी नही कि मोटा होने से उसका क्रियात्मक विकास भी बढ़े ।
विकास (Development)
• जब हमारे मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, तथा बौद्धिक पक्षों में परिपक्वता आती है तो उसे विकास कहते है |
• विकास का स्वरुप आंतरिक एवं बाह्य दोनों होता है । उदहारण:- मस्तिष्क, भाषाज्ञान,
• विकास जीवन भर चलता रहता है ।
• विकास में निष्चित क्रम होता है। उदहारण:- हमे अपना जितना विकास करना होता है उतना हो जाता है। मानसिक विकास, सामाजिक विकास जितना हम चाहेंगे उतना ही होगा |
• विकास का हम सीधे सीधे मापन नही कर सकते । उदहारण:- हम सामाजिक विकास, नैतिक विकास का मापन नही कर सकते हम केवल मानसिक विकास का
मापन कर सकते है ।
• विकास परिमाणात्मक और गुणात्मक दोनों होता है |
• विकास वृद्धि के बिना भी संभव है । क्योंकि कुछ व्यक्तियों का आकार, ऊँचाई या भार नही बढ़ता परन्तु उनमे नैतिक विकास, सामाजिक विकास, बौद्धिक विकास अवश्य होता है ।
विकास के आयाम (Domain of development)
विकास :- विकास बहुआयामी होता है और बहुदिशा में होता है ।
• शाररिक विकास :- यह एक तरह से बालक के शाररिक विकास से ही जुड़ा है। इस में शारीर के अंग का विकास होता है |
• गत्यात्मक विकास :- यह एक तरह से बालक के शाररिक विकास से ही जुड़ा है। यह, मांसपेशियों , हडियो की क्षमता और उन पर काबू करने से सम्बंधित होता है
• गामक विकास में बालको के चलने, दौड़ने, कूदने, भोजन करने आदि विषय को शामिल किया गया है इसे दो भागो में बांटा गया है |
सूक्ष्म कौशल और जटिल कौशल
सूक्ष्म कौशल – इसमें मांसपेशि का कम उपयोग होता है। उदहारण :- लिखना , रंगना , कटना .
जटिल कौशल :- इसमें मांसपेशि का ज्यादा उपयोग होता है |
उदहारण :-तैरना , कूदना , दैडना .
• मानसिक विकास / संज्ञानात्मक विकास
• सामाजिक विकास
• सांवेगिक विकास
• नैतिक विकास
• भाषा विकास
परिपक्वता (Maturation)
अनुवॉशिक विन्यास के पूर्ब निर्धरित रूप से प्रकट होने की प्रक्रिया परिपक्वता कहलाता है |
• यह वंशागति से सम्बंधित होता है।
• बड़े होने पर परिपक्वता आती रहती है।